ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे शरीर पर तिल होना भी भविष्य मे होने वाली घटनाओं, सफलाता या असफलता को दर्शाता है। हमारे शरीर पर कई प्रकार के तिल जन्म अथवा जीवन काल के दौरान निकले निशान पाये जाते है। जिन्हें हम तिल,मस्सा एवं लाल मस्सा के नाम से सुनते आये है। शास्त्रों के अनुसार हमारे शरीर पर पाये गये यह निशान हमारे भविष्य और चरित्र के बारे में बहुत कुछ दर्शाते है, मैं आज शरीर पर इन तिलों के होने के महत्व वर्णन कर रहा हॅू। अपने 20 साल के अनुभव से तथा अनेक लोगों पर परिक्षण करने के उपरान्त ही मै इस अनुभव को आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। तिल तथा मस्से का होना दोनों एक ही प्रभाव देता है।
तिल आपके सभी प्रकार के शारीरिक,आर्थिक एवं चरित्र के बारे में काफी कुछ दर्शा देता है।
ललाट के मध्य भाग में तिल का होना भाग्यवान माना जाता है।
ललाट पर बायें भौंव के उपर तिल का होना विलासता को दर्शाता है ऐसे व्यक्ति अपने रखें गये धन सम्पति को विलासता में लिप्त होकर बर्बाद कर देते है।
ललाट पर दायें भौंव के ऊपर तिल का होना भी विलासता को दर्शाता है। परन्तु ऐसे व्यक्ति स्वयं धन अर्जित करके उसे बर्बाद कर देते हैं
यदि आपके मॉथे के दाहिने ओर तिल हैं तो आपके पास धन हमेशा बढता रहेगा।
मॉथे के बायीं ओर तिल संकट भरे जीवन की ओर इशारा करता है।
यदि ठुड्डी पर तिल हो तो प्रेम संबन्ध में कॉफी परेशानियों का सामना करना पडेगा।
दोनों भौंहों पर तिल है तो आपका अधिकांश समय यात्रा में बीतेगा।
दहिनी ऑख पर तिल अच्छे प्रेम संबन्ध को दर्शाता है।
बायीं ऑख का तिल घोर चिन्ता और दुख की ओर इशारा करता है।
दहिने गाल का तिल मतलब धनवान होने के योग है।
बायें गाल का तिल निर्धनता का प्रतीक है।
होठ पर तिल वाले कामुक होते है।
बायें कान के सामने की तरफ कहीं भी तिल का होना व्यक्ति के रहस्यमयी होने के गुण को दर्शाता है।
बाएं कान के पीछे की तरफ तिल का होना व्यक्ति के गलत कार्याे के प्रति झुकावों को दर्शाता है।
दाएं कान के सामने की तरफ कहीं भी तिल हो तो वह व्यक्ति बहुत कम आयु में ही धनवान हो जाता है।
दाएं कान की पीछे अगर तिल है। तो यह तिल कान में किसी भी प्रकार के रोग होने की सम्भवना व्यक्त करता है।
बाएँ आँख के भीतर सफेद भाग तिल का होना चरित्र हीनता का सूचक है।
बाएँ आँख की पुतली पर तिल का होना भी चरित्र हीनता का सूचक है।परन्तु इसका प्रभाव भीतर के तिल से कम होता है।
बाएँ आँख के नीचे के पलको पर तिल होना व्यक्ति के आलसीपन और विलासी चरित्र को दर्शाता है। दाएँ आँख के व्यक्ति भी चरित्र हीन होता है। अथवा ऐसे व्यक्ति के जीवन का अंत या तो हत्या से होता है। या फिर वह आत्महत्या कर लेता है।
दाएं आँख के ऊपर का तिल आँखों से सम्बन्धित रोग का सूचक है। एवं ऐसे व्यक्ति अतिविश्वासी होते है।
दाएं आँख के नीचे की पलकों पर तिल का होना उस व्यक्ति के कम आयु से ही विपरीत लिंग के प्रति आर्कषण का सूचक है।
यदि बाएॅ हिप पर तिल हो तो यह व्यक्ति बवासीर सम्बन्धी या भगंदर सम्बन्धी रोगों से पीड़त हो सकता है। यदि दाॅए हिप पर तिल हो तो वह व्यापार में बहुत आगे बढ़ता है
नाक के अग्र भाग पर तिल हो तो ऐसे व्यक्ति लक्ष्य बनाकर चलने वाले होते है। साथ ही साथ यह व्यक्ति भी विपरीत लिंग के प्रति बहुत आर्कषित होता है।
इसके अलावा अगर नाक पर कहीं पर तिल हो तो व्यक्ति को नाक से सम्ंबन्धित कोई भी रोग हो सकता है।
ऊपरी होंठ के बाएँ तरफ तिल होना जीवन साथी के साथ लगातार विवाद होने का सूचक है।
ऊपरी होंठ के दाएँ तरफ तिल हो तो जीवन साथी का पूरा साथ मिलता है।
निचले हांठ के बाएँ तरफ तिल होना किसी विशेष रोग होने का सूचक होता है। एवं ऐसे व्यक्ति अच्छें भोजन खाने तथा नये वस्त्र पहनने के शौकीन होते है।
निचले होंठ के दाएँ तरफ तिल हो तो वह व्यक्ति अपने क्षेत्र में बहुत प्रसिद्धि प्राप्त करते है। साथ ही साथ इन्हें भोजन से कोई खास लगाव नही होता है। लेकिन विपरीत लिंग इन्हें अधिक आर्कषित करते है।
जिस व्यक्ति के बाएँ गाल, नाक तथा ठुड्डी पर तीनों जगह तिल हो तो ऐसे व्यक्ति के पास स्थाई धन हमेशा रहता है।
इसी प्रकार दाएँ गाल ,नाक तथा ठुड्डी पर तीनों जगह तिल हो तो ऐसे व्यक्ति भी धनवान होते है। परन्तु घमंडी भी होते है। ऐसे व्यक्ति अपना धन किसी भी समाजिक कार्य में नहीं लगाते है।
दाँएं गाल पर तिल होना व्यक्ति के घमंडी होने का सूचक है।
मणिबंध (कलाई) पर अगर तिल हो तो ऐसे व्यक्ति को यश नही मिलता है। ऐसे व्यक्ति को पुत्र कष्ट भी होता है।यदि यही सारे तिल हाथ,उॅगलियों पर ऊपर की तरफ हो तो सारे वही प्रभाव रहते है। परन्तु उनका असर 50 प्रतिशत कम हो जाता है। अनुष्ठान से उसके प्रभाव से कम किया जा सकता है।
बाँए भुजा (कोहनी से नीच) यदि कहीं भी तिल है, तो उस व्यक्ति की पढाई में बाधा उत्पन्न होती है।
दाँए भुजा (कोहनी से नीचे) यदि कहीं भी तिल है, तो यह व्यक्ति अपने मेहनत की कमाई खाते है। यानी अपना जीवन यापन खुद करते है। यह व्यक्ति बहुत साहसी भी होता हैं
यदि कोहनी पर तिल है। तो उस व्यक्ति को हमेशा जोडो के दर्द की तकलीफ रहेगी।
उदर के बाए तरफ तिल होना पेट सम्बन्धी रोगों का सूचक है।
उदर के दाए तरफ तिल होना व्यक्ति के भोजन के प्रति अधिक लगाव को दर्शाता है। साथ ही साथ यह आराम देह व्यक्ति होता हैं।
नाडी के बीचो बीच तिल का होना नाडी सम्बन्धी रोगों तथा लकवें की बिमारी के होने का सूचक हैं
नाडी के नीचे तिल यदि हो तो उस व्यक्ति को अपेंडिक्स और हार्निया का रोग हो सकता है।
बाॅए पैर की जाॅघ पर तिल हो तो यह व्यक्ति भोगी होता है।एवं कुछ लोगों में बवासीर होने के भी लक्षण पाये गए है। व्यक्ति भी भोगी विलासी होते हैं ऐसे व्यक्तियों को विपरीत लिंग के प्रति भी अधिक आर्कषण रहता है।
यदि घुटने पर तिल हो तो जोडों के दर्द अथवा मूत्र संबन्धी रोग हो सकते हैं
पीठ के रीढ़ के दाए हिस्से पर उपर की तरफ यदि तिल हो तो यह व्यक्ति धनवान होता हैं तथा पेट के रोगों से ग्रस्त रह सकता है। कमर के बाए तरफ ऊपर की तरफ यदि तिल हो तोे वह व्यक्ति बहुत कठिन परिश्रम के बाद ही पैसा कमाता है तथा सल्य चिकित्सा की सम्भवना अधिक होती है।
बाएॅ तरफ सीने में तिल का होना सीने में या हृदय रोग की शिकायत होने एवं मध्य स्तर के जीवन साथी का मिलना दर्शाता है तथा दाएॅ तरफ सीने में तिल का होने से सुन्दर जीवन साथी मिलता है एवं यह व्यक्ति धनवान भी होता हैं।
कंठ पर तिल का होना सुरीली अवाज का सुचक है तथा ऐसा व्यक्ति संगीत में रूचि रखता है।
गले पर कहीं भी तिल होने वाले व्यक्ति संगीत के शौकीन होते है। परन्तु उन्हें गले सम्बन्धी रोग हो सकते हैं।
अगर गले के नीचे तिल हो तो ऐसा व्याक्ति गायाक होता हो ता एंव उसकी अवाज बहुत सुरीली होती है।