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सुख समृद्धि के उपाय

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नामकरण मुहुर्त

बच्चे का नाम रखने के लिये यह कार्य जन्म के दिन से 10वें 11वें या 12वें दिन हवन आदि करके रखना चाहियें। उपर्युक्त मुहुर्त हेतु शुभ तिथि वार नक्षत्र लग्न निम्न प्रकार है।

शुभ तिथियां – 

कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तथा दोनों की 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12 तिथियां।

शुभवार –

सोमवार बुधवार गुरूवार और शुक्रवार।

शुभ नक्षत्र –

अश्विनी, रोहिणी, मृगाशिरा, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़, उत्तराभाद्रपद, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा और रेवती।

शुभ लग्न –

  मेष, कर्क, कन्या, तुला, धनु और मीन।

नोट– भद्राकाल, ग्रहण, श्राद दिवस, व्यतिपात जैसे दुष्ट योग संक्रान्ति तिथि आदि के समय नामकरण वर्जित है।

कुंआ पूजन मुहुर्त –

कुंआ पूजन या जल पूजन बच्चे का एक मास का होने के बाद किया जाना चाहिये। किन्तु देश काल परिस्थिति अनुसार मास समाप्ति से पूर्व भी कर सकते है।

शुभ तिथियां – 

कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और दोनों पक्षों की 2, 3, 5, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13 तिथियाँ।

शुभवार –

सोमवार, बुधवार व गुरूवार।

शुभ नक्षत्र –

मृगशिरा, पुर्नवसु, पुष्प, हस्त, अनुराधा, मूल और श्रवण।

शुभ लग्न –

मेष, कर्क, सिंह, तुला व मकर।

नोट– गुरू शुक्र अस्त होने की स्थिति में चैत्र पौष और पुरूषोत्तम मास में यह शुभ कार्य वर्जित है।

व्यवसाय या व्यापार करने का मुहुर्त

शुभ तिथियां – 

दोनों पक्षों की 2, 3, 5, 7, 11, 13 तिथियाँ शुभ मानी गयी है।

शुभ वार –

बुधवार, शुक्रवार व शनिवार।

शुभ नक्षत्र –

हस्त, चित्रा, उत्तरा, फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपद और पुष्य।

शुभ मास –

गुरू, शुक्र जिस मास में उस्त हो उन मासों को छोडकर सभी मास शुभ है।