कालसर्प दोष
कालसर्प का सामान्य अर्थ यह है की जब ग्रह स्थिति आयेगी तब सर्पदंश के समान कष्ट होगा ! परन्तु जहाँ तक मेरे द्वारा कई कुण्डलियों मैं देखा गया है की कालसर्प योग के सकारात्मक व नकारात्मक दोनों फल प्राप्त होते है ! मूल आधार कुंडली में राहु केतु कहाँ बैठे है एवं मूल कुंडली की शक्ति कितनी है इन पर परिणामो की तीव्रता अवलंबित होती है ! यदि 4थे,8वे या 12वे स्थान में राहु हो और कुंडली में कालसर्प योग हो तो वह अधिक नकरात्मक होगा ! कालसर्प योग वाले जातक पर जब भी राहु या केतु की अन्तर्दशा आती है तो इस योग का प्रभाव ज्यादा हो जाता है ! राहु के जन्म नक्षत्र भरणी के देवता काल है और केतु के जन्म नक्षत्र अश्लेषा के देवता सर्प है ! राहु और केतु के नक्षत्र देवताओं के कारण राहु केतु से बनने वाले योग को कालसर्प योग का नाम दिया गया है !
राहु और केतु के बीच सभी ग्रह हो तब कालसर्प योग बनता है ! इनके अलावा भी आंशिक कालसर्प योग निम्न कारणो से बनता है
- राहु से अष्टम भाव में शनि हो तो आंशिक कालसर्प योग बनता है !
- यदि चन्द्र से राहु या केतु अष्टम स्थान में हो तो कालसर्प योग बनता है!
- यदि कुंडली में राहु 6ठे, 8वे या 12वे स्थान में हो तो कालसर्प योग बनता है !
- यदि राहु केतु के बीच 6 ग्रह हो तथा एक ग्रह बाहर हो और उस ग्रह के अंश राहु के अंश से ज्यादा हो तो कालसर्प योग भंग हो जाता है !
अनंत कालसर्प योग –
जब प्रथम भाव में राहु और सप्तम भाव में केतु हो तो अनंत कालसर्प योग बनता हैं ! अंतः अनंत कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहिये ।
- अपने वजन के बराबर जों या गेंहू बहते हुए जल में प्रवाह करें |
- अपने वजन के बराबर कोयला बहते जल प्रवाह करें |
- मसूर की दाल और सिक्का 3 दिन तक लगातार जमादार को दें |
- चांदी की चेन धारण करें |
- बहते जल में नारियल प्रवाह करें |
- सूर्योदय के बाद तांबें के पात्र में गेंहू, गुड भरकर बहते जल में प्रवाह करें |
- काला, सफेद कम्बल दान करें |
- नाग के जोड़े चांदी के बनवाकर तांबे के लोटे में रखकर प्रवाह करें |
- उड़द व नीले वस्त्र दान करें |
- सावन में 30 दिनों तक महादेव का अभिषेक करें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीनें तक स्नान करें |
- 30 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जन्हाँ रात में सोते हैं हर दिन राहु काल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा झड वाये |
कुलिक कालसर्प योग –
जब दूसरे भाव में राहु हो और अष्टम स्थान में केतु हो तो कुलिक कालसर्प योग बनता हैं य अतः कुलिक कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहिए ।
- चांदी की डिबिया में चांदी की ठोस गोली केसर के साथ सदैव अपने पास रखें |
- हाथी के पैरो की मिट्टी कुंए में गिराए |
- कानों में सोना पहनें |
- धार्मिक स्थान में केसर और चन्दन दान करें |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीनें तक स्नान करें |
- शुभ मुहूर्त में बहते पानी में कोयल तीन बार प्रवाह करें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें |
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जहाँ रात में सोते हैं; हर दिन राहु काल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा (झडवाए) लगवाए |
वासुकि कालसर्प योग —
जब कुंडली में तृतीय भाव में राहु और नवम भाव में केतु हो तो वासुकि कालसर्प योग बनता हैं अतः वासुकि कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहियें
- घर में हाथी का दांत और सोने का टुकड़ा रखें |
- कुत्ते की सेवा करें |
- किसी भी पशु को न सताये और न पक्षी को पिंजरे में रखें |
- 1 वर्ष लगातार नाग स्रोत का पाठ करना चाहियें |
- हर मंगलवार सुंदरकांड का पाठ करना चाहियें |
- रात्रि में सोते समय सिरहाने थोड़ा बाजरा रखकर सोना चाहियें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला देना चाहियें |
- 72 बुधवार काले वस्त्रों में काले उड़द की दाल सवा मुट्ठी डालकर राहु के मन्त्रो का जाप करने के बाद दान कर दें |
- महाशिवरात्री या नाग पंचमी के दिन लाल धागे में तीन, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहियें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें |
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जंहा रात में सोते है, हर दिन राहु काल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा (झडवाए) लगवाये |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीने स्नान करे !
शंखनाद कालसर्प योग —
जब कुण्डली में चौथे भाव में राहु और दसवें भाव में केतु हो तो शंखनाद काल सर्पयोग बनता हैं अंतः शंखनाद काल सर्पयोग में निम्न उपाय करने चाहियें।
- घर में चाँदी की डिबिया में शहद भरकर रखना चाहियें |
- चाँदी धारण करनी चाहियें |
- कोई भी नया काम करने से पहले 400 ग्राम साबुत धनिया एवं 400 ग्राम बादाम बहते जल में प्रवाह करें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें |
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जंहा रात में सोते हैं; हर दिन राहु काल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा झडवाए लगवाये |
- चाँदी से बना पंचमुखी साँप को अपने घर में बनें मंदिर में रखना चाहियें तथा उसे प्रतिदिन चावल और हल्दी अर्पित करनी चाहियें |
- गेंहू को पीले कपड़े में बांध कर जरूरत मंद व्यक्ति को दान दें |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीने तक स्नान करें |
पदम् कालसर्प योग –
जब कुण्डली के पंचम भाव में राहु और ग्याहरवे भाव केतु हो तो पदम् कालसर्प योग होता हैं अंतः पदम् कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहियें ।
- चाँदी का हाथी बनाकर घर में रखें |
- शराब और मांस से दूर रहें |
- रात के समय सिरहाने पांच मूलिंया रखें और उन्हें मंदिर में दान करे |
- किसी कार्य हेतु घर से निकलने से पूर्व सोने को गर्म कर दूध में बुझाए और उसमे केसर मिलाकर पिंयें |
- केसर का तिलक लगायें |
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जहाँ रात में रखिये जन्हाँ रात में सोते हैं; हर दिन राहुकाल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा लगवाये |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीनें तक स्नान करें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें !
महापदम् कालसर्प योग —
जब कुण्डली के छठे भाव में राहु और बारहवे भाव में केतु हो तो महापदम् काल सर्प होता हैं अंतः महापदम् काल सर्प योग में निम्न उपाय करने चाहियें।
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान इन तीनो को उबालकर सवा महीने स्नान करें |
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जन्हाँ रात में सोते हैं; हर दिन राहुकाल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा लगवायें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें |
- माँ सरस्वती की मूर्ति घर में रखें और उस पर नित्य नीले रंग के फूल चढ़ाए कम से कम 6 दिन नियमित |
- हमेशा कुत्ता पालें | यदि मर जांए या भाग जाये तो दूसरा पालें |
- बहते पानी में मूंग प्रवाहित करे !
तक्षक कालसर्प योग—
जब कुंडली के सातवें भाव में राहु और 1 भाव केतु हो तो तक्षक कालसर्प योग होता हैं; अंतः तक्षक कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहियें।
- चाँदी की ईंट बनवाकर घर में रखे |
- शनिवार को 105 बादाम या 7 नारियल बहते जल में प्रवाहित करें |
- संयम बरतें विवाहेतर संबंध से बचें |
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जहाँ रात में सोते हैं; हर दिन राहुकाल के समय इसे ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा लगवाये |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान इन तीनो को उबालकर सवा महीने स्नान करें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें |
कर्कोटक कालसर्प योग—
जब कुण्डली के 8 वें भाव में राहु और 2 भाव में केतु हो तो कर्कोटक कालसर्प योग होता है; अंतः कर्कोटक योग में निम्न उपाय करने चाहियें ।
- चाँदी का चौकोर टुकड़ा हमेशा अपनी जेब में रखें |
- व्यापार ठप होने की स्तिथि में 43 दिन तक खोटें सिक्के बहते पानी में बहाए |
- प्रतिदिन समय केसर या हल्दी का तिलक करें |
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जहाँ रात में सोते हैं हर दिन राहु काल के समय अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा लगवाएं |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीने तक स्नान करें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें |
शंखचूड़ कालसर्प योग —
जब कुण्डली के 9वें भाव में राहु और 3 भाव में केतु हो तो शंखचूड कालसर्प योग होता है; अंतः शंखचूड कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहियें ।
- कुत्ता पालें |
- घर का मुखिया न बनें |
- सर पर चोटी रखें और तिलक लगाए |
- बहते पानी में चावल एवं गुड़ प्रवाहित किया करें |
- भाइयों से विवाद न करें |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीनें तक स्नान करें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जहाँ रात में सोते हैं; हर दिन राहु काल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा लगवाएं
घातक कालसर्प योग —
जब कुंडली के 10वे भाव में राहु और 4 भाव में केतु हो तो घातक कालसर्प योग होता है !अतः घातक कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहिए ।
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान इन तीनो को उबालकर सवा महीने स्नान करें |
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जन्हाँ रात में सोते हैं; हर दिन राहुकाल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा लगवायें |
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते हुये जल में प्रवाह करें |
- नीले एकाले रंग की टोपी या पगड़ी पहने |
- मसूर की दाल या गुड बहते जल में प्रवाह करे |
- प्रतिकूल घटनाओं से बचने के लिए बहते पानी मे नीबू प्रवाह करे |
- दूध में गरम सोना बुझाकर पीने से लाभ होगा |
- कानो में सोना धारण करे |
विषधर काल सर्प योग —
जब कुंडली के 11वे भाव में राहु और 5वे भाव में केतु हो तो विषधर कालसर्प योग होता है !अतः विषधर कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहिए ।
- ब्राह्मणों को सोना व पीले वस्त्र दान करे !
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जन्हाँ रात में सोते हैं; हर दिन राहुकाल के समय इसे अपने ऊपर दूसरे के द्वारा झाड़ा लगवायें |
- गुड चावल दूध आदि बहते पानी में प्रवाह करे |
- चांदी के गिलास में पानी पीया करे |
- गुरुवार को 5 पीले वस्तुए बांध कर दान करे |
- गुरुवार को प्याज और लहसुन ना खाए !
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते जल में प्रवाह करे |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीने तक स्नान करें |
शेषनाग कालसर्प योग —
जब कुंडली के 12वे भाव में राहु हो और 6 भाव में केतु हो तो शेषनाग कालसर्प योग होता है !अतः शेषनाग कालसर्प योग में निम्न उपाय करने चाहिए ।
- रात को सोते समय लाल कपडे में सौफ और मिश्री बांधकर सिरहाने रखे !
- भोजन रसोई घर में बैठकर करे !
- सोने की अंगूठी धारण करे !
- दूध में केसर मिलाकर पिये !
- दूध में सोना बुझाकर पिये
- 24 मोर पंख लेकर बांध लीजिये और इसे उस कमरे में रखिये जहाँ रात में सोते है ! हर दिन राहु काल के समय इसे अपने ऊपर दुसरे के द्वारा झाड़ा लगवाये !
- नाग पंचमी के दिन 11 नारियल बहते जल में प्रवाह करे |
- देवदारू, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीने तक स्नान करें |