जब चंद्रमा कुम्भ और मीन राशी मे होता है, तब उस समय को पंचक कहते है ! घनिष्ठा के आखरी दो चरण , शतभिषा , उत्तरा भाद्रपद , पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र पंचक के अंतर्गत आते है ! पंचक मे यात्रा ना करे , दक्षिण दिशा मे यात्रा तो बिलकुल ना करे ! पंचक मे रविवार को यदि उतरा भाद्रपद , पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आये तो यह शुभ योग होते है ! इस समय सगाई , विवाह आदि शुभ कार्य किये जाते है ! शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिये ! यदि ऐसा ना हो पाए तो शव के साथ 5 पुतले आटे या कुश से बनाकर अर्थी मे रखना चाहिये और इन पांचो का भी पूर्ण विधि –विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिये !
जब पंचक मे घनिष्ठा नक्षत्र हो तब घर मे घास फूस या फिर जलाने वाली वस्तुए नहीं रखनी चाहिये , इससे घर मे आग लगने का भय होता है ! लेकिन इस नक्षत्र मे वाहन खरीदना , और मशीनरी सम्बंधित काम शुरू करना शुभ माना जाता है !
पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो तब घर की छत नहीं बनानी चाहिये , इससे घर मे कलेश और घर की हानि होती है ! लेकिन इस नक्षत्र मे कपड़े से संबंधित व्यापार का सौदा करना ,किसी विवाद का निपटारा करना ,गहने खरीदना आदि शुभ माने जाते है
पंचक के दौरान जब पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र हो तब चारपाई को ना ख़रीदे और ना बनवाए ! इससे कोई गंभीर बीमारी घर मे आ सकती है !
इस नक्षत्र मे स्थिरता वाले कार्य करने चाहिये जैसे – बीज बोना , ग्रह प्रवेश ,शांति पूजन और जमीन से जुड़े स्थिर कार्य करने चाहिये ! इस नक्षत्र मे धन हानि के योग बनते है !
इस नक्षत्र मे वाद - विवाद से बचना चाहिये ! इस नक्षत्र मे वाहन खरीदना ,यात्रा करना ( दक्षिण दिशा को छोड़कर ) शुभ माना जाता है !
रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है ! इसके प्रभाव से ये 5 दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते है ! इस पंचक मे कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिये !
सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है ! यह पंचक शुभ माना जाता है ! इसके प्रभाव से इन 5 दिनों मे सरकारी कार्यो को करने मे सफलता मिलती है !
मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है ! इन 5 दिनों मे कोर्ट कचहरी विवाद आदि के फैसले अपने पक्ष मे करवाने वाले कार्य करवाए जा सकते है ! अग्नि पंचक मे अग्नि का भय होता है ! अग्नि पंचक मे किसी भी तरह का निर्माण कार्य , औजार और मशीनरी कामो की शुरुआत करना अशुभ होता है !
शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है ! मृत्यु पंचको मे विवाद और दुर्घटना आदि से बचना चाहिये !
शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है ! चोर पंचक मे ना तो किसी से लेन देन का कार्य करे और ना व्यापार मे किसी भी तरह का सौदा करे !